शुक्रवार, जनवरी 12, 2018

डॉ. (सुश्री) शरद सिंह को राज्य स्तरीय रामेश्वर गुरु पत्रकारिता पुरस्कार

डॉ. (सुश्री) शरद सिंह को मिलेगा
राज्य स्तरीय रामेश्वर गुरु पत्रकारिता पुरस्कार
डॉ. (सुश्री) शरद सिंह , लेखिका एवं सम्पादिका

माधवराव सप्रे स्मृति समाचार संग्रहालय एवं शोध संस्थान भोपाल द्वारा उत्कृष्ट पत्रिका सम्पादन के लिए दिया जाने वाला इस वर्ष का " रामेश्वर गुरू पत्रकारिता पुरस्कार " लेखिका, कवयित्री, साहित्यकार एवं ‘‘सामयिक सरस्वती‘‘ की कार्यकारी संपादक डॉ. (सुश्री) शरद सिंह  को प्रदान किया जाएगा। भोपाल में आयोजित संस्थान की बैठक में डॉ. (सुश्री) शरद सिंह को यह पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया है। सप्रे संग्रहालय का राज्यस्तरीय पुरस्कार समारोह 12 जनवरी को भोपाल में आयोजित किया जाएगा। समारोह में सुश्री सिंह को यह पुरस्कार मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा प्रदान करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति प्रो. (डॉ.) प्रमोद वर्मा । सप्रे संग्रहालय एवं शोध संस्था द्वारा लेखन, साहित्यिक पत्रिका के सम्पादन तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाली विभूतियों को विगत अनेक वर्षों से सम्मानित करता आ रहा है।
राज्य स्तरीय रामेश्वर गुरू पत्रकारिता सम्मान पुरस्कार से सम्मानित होने वाली वरिष्ठ लेखिका डाॅ. (सुश्री) शरद सिंह द्वारा  लिखित विभिन्न विषयों पर लगभग पचास पुस्तकें अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने शोषित, पीड़ित स्त्रियों के पक्ष में अपने लेखन के द्वारा हमेशा आवाज़ उठाई है।  बुन्देलखण्ड की बेड़िया स्त्रियों पर केन्द्रित उनकी पुस्तक ‘पिछले पन्ने की औरतें’, महिला बीड़ी श्रमिकों पर केन्द्रित ‘पत्तों में कैद औरतें’ तथा स्त्री विमर्श पुस्तक ‘औरत तीन तस्वीरें’ मनोरमा ईयर बुक में शामिल की जा चुकी हैं। लिव इन रिलेशन पर उनके उपन्यास 'कस्बाई सिमोन' को राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक स्तर के अनेक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। उनका एक और उपन्यास "पचकौड़ी" राजनैतिक और पत्रकारिता जगत की पर्तों का बारीकी से विश्लेषण करने वाला पठनीय एवं लोकप्रिय उपन्यास है।
खजुराहो की मूर्तिकला विषय में पीएचडी , सागर की प्रतिष्ठित साहित्यकार, कथालेखिका एवं उपन्यासकार डॉ शरद सिंह वर्तमान में मध्यप्रदेश के सागर नगर में निवास करते हुए स्वतंत्र लेखन के कार्य के साथ नई दिल्ली से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका "सामयिक सरस्वती" में कार्यकारी सम्पादक का दायित्व निभा रहीं हैं एवं पत्र-पत्रिकाओं सहित सोशल मीडिया पर वे लगातार अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं। वे मानती हैं कि अधिकारों का ज्ञान और साहस ही स्त्रियों को शोषण-मुक्त जीवन दे सकता है। सागर से प्रकाशित होने वाले दैनिक समाचार पत्र "सागर दिनकर" में उनका नियमित कॉलम "चर्चा प्लस" अनेक समसामयिक मुद्दों पर विश्लेषणात्मक लेखन के लिए प्रबुद्ध पाठकों के बीच अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए है। इससे पूर्व डाॅ. (सुश्री) शरद सिंह सागर से ही प्रकाशित होने वाले दैनिक समाचार पत्र "आचरण" में अनेक वर्षों तक "बतकाव" शीर्षक का नियमित कॉलम लेखन कर चुकी हैं।
Dr. (Miss) Sharad Singh , Author & Editor

2 टिप्‍पणियां: